Wednesday 30 December 2015

अच्छा लगता है

तुम मेरे लिए व्याकुल रहो, 
मैं तुम्हारे लिए रहुँ आकुल...अच्छा लगता है।
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प्यार भरा हृदय तुम्हारा हो,
मै आच्छादित हो जाऊँ उर मे ...अच्छा लगता है।

तुम जीवन मे मेरी उमंग भरो,
मैं दूँ करुणा का आलिंगन......अच्छा लगता है।
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तुम मेरा सारा जीवन ले लो,
मै जीवन कलश तुझको दूँ......अचछा लगता है।
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बस जाओ तुम कविताओं मे..सदाओं जैसी,
मैं हर क्षण बस लिखता जाऊँ......अच्छा लगता है।
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छू जाओ तुम मेरा विह्वल मन,
तुमको प्यार करता रहूँ...,..अच्छा लगता है।

हो जाओ तुम मेरी बाहों मे बूढ़ी,
मैं तुझ संग बूढा हो जाऊ.....अच्छा लगता है।

दोनो साथ जीवन से तर जाएँ,
दोनो फिर नभ में मिल जाएँ.....अच्छा लगता है

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