Wednesday 16 December 2015

वक्त की कमी...

वक्त........
आज मैने जीवन से कहा,
थोड़ी देर रुक जा,
बैठ मेरे पहलू में,
दो बाते करेंगे,
कुछ अपनी कहेंगे, कुछ तुम्हारी सुनेंगे,

उसने कहा, वक्त नही है मेरे पास,
करने है मुझे इनसे भी बड़े काम,
तुम्हारी फिर कभी सुन लेंगे।

इच्छाएं जो मन में थी,
दब गई,
समा गई निराशा की गहरी खाई में,

क्युंकि
गुजरा हुआ पल कभी आता ही नही,
ख्वाहिशें जो आज पनपी है,
शायद कल पनपे ही नहीं
क्युंकि वक्त ही तो नही अपने पास....

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